कलेक्टर ने बीजेपी नेता को मीटिंग से कर दिया था बाहर, पीएम मोदी से हाथ मिलाते वक्त पहनावे को लेकर भी रहे चर्चा में, आईएएस अमित कटारिया की कहानी…

 


जब देश में नोटबंदी लगी थी तब इस आईएएस अफसर ने बैंक में लाइन लगाकर नोट बदलवाते हुए अपनी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की थी। यह तस्वीर काफी चर्चा में रही थी। एक सख्त एडमिनिस्ट्रेटर की छवि रखने वाले अमित कटारिया ने कभी भारतीय जनता पार्टी के एक नेता को मीटिंग से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। गुड़गांव के रहने वाले अमित कटारिया ने दिल्ली से इलेक्ट्रॉनिक्स में बीटेक किया। बताया जाता है कि मेधावी छात्र रहे अमित कटारिया को बीटेक की पढ़ाई के दौरान ही देश-विदेश की नामी कंपनियों से लाखों रुपए के पैकेज पर नौकरी का ऑफर भी मिला था।

अमित कटारिया एक आईएएस बनना चाहते थे। साल 2004 में अमित कटारिया का सपना सच हुआ। 2004 बैच के इस आईएएस अफसर के बारे में कहा जाता है कि वो जहां कही भी कलेक्टर बनकर जाते हैं वहां वो अपने काम को काफी गंभीरता से लेते हैं। अमित कटारिया को छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में बेहतरीन काम करने के लिए जाना जाता है। काम में लापरवाही वो बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करते। जब अमित कटारिया छत्तीसगढ़ के जगदलपुर के कलेक्टर थे तब वो आम लोगों के बीच अपने काम को लेकर काफी लोकप्रिय थे।

अमित कटारिया 2010 में जब रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी के सीईओ थे तब उन्होंने जो काम किया, उसका लोहा आज भी लोग मानते हैं। सीईओ रहते हुए कटारिया ने छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट को लॉन्च किया था। बताया जाता है कि जब अमित कटारिया ने इस विभाग का काम संभाला था तब उसकी हालत खराब थी। लेकिन काम संभालने के बाद अमित कटारिया ने विभाग में जान डाल दी थी।


बात साल 2013 की है। उस वक्त अमित कटारिया रायगढ़ के कलेक्टर थे। उस वक्त अमित कटारिया शहर में बनने वाली सड़क को लेकर आम जनता के साथ एक मीटिंग कर रहे थे। इस मीटिंग में रायगढ़ बीजेपी के बड़े नेता रोशन अग्रवाल भी मौजूद थे। रोशन अग्रवाल बाद में विधायक भी बने थे।

इस बैठक में अमित कटारिया, रोशन अग्रवाल और अन्य लोगों को यह समझा रहे थे कि सड़क बनाने के लिए अवैध निर्माण को तोड़ना ही पड़ेगा। बताया जाता है कि उस वक्त भाजपा नेता रोशन अग्रवाल, अमित कटारिया का विरोध कर रहे थे। इस दौरान कलेक्टर रोशन अग्रवाल और अमित कटारिया के बीच तीखी बहस होने लगी। नाराज कलेक्टर ने बीजेपी नेता को मीटिंग से बाहर कर दिया था।

साल 2015 में भी अमित कटारिया एक बार काफी चर्चा में आए थे। उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ के दौरे पर आने वाले थे। 9 मई को एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री की आगवानी करने पहुंचे अमित कटारिया काला चश्मा और शर्ट-पैंट पहने हुए थे। पीएम मोदी ने उनसे हाथ मिलाया था। बाद में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह कहा गया था कि छत्तीसगढ़ सरकार को अमित कटारिया का पहनावा रास नहीं आया था। जिसे लेकर काफी विवाद भी हुआ था।

साभार- जनसत्ता


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